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भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित पर मौद्रिक दंड लगाया: 1) दि ब्रह्मपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि. 2) दि बोरल यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लि. और 3) दि खटरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि.

4 दिसंबर 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित पर मौद्रिक दंड लगाया:
1) दि ब्रह्मपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि.
2) दि बोरल यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लि. और
3) दि खटरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि.

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने “एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों-यूसीबी” पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए निम्नलिखित को-ऑपरेटिव बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया है।

क्रम सं. बैंक का नाम दंड की राशि
( लाख में)
आदेश की तारीख
1 दि ब्रह्मपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (ओडिशा) 2.00 3 दिसंबर 2020
2 दि बोरल यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पश्चिम बंगाल) 2.00 3 दिसंबर 2020
3 खटरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पश्चिम बंगाल) 2.00 3 दिसंबर 2020

यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) तथा धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2018 (दि ब्रह्मपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड) तथा 31 मार्च 2019 (दि बोरल यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और खटरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड) तक बैंकों की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए उनके निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ “एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों-यूसीबी” पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन का पता चलता है।

उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक द्वारा दिये गए उत्तर और अतिरिक्त प्रस्तुतिकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/725

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