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भारतीय रिजर्व बैंक 36 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है

08 मार्च 2019

भारतीय रिजर्व बैंक 36 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने नीचे उल्लिखित 36 बैंकों पर 31 जनवरी, 2019 और 25 फरवरी, 2019 के आदेशों द्वारा, समयबद्ध कार्यान्वयन और स्विफ्ट से संबंधित परिचालन नियंत्रणों को मजबूत करने के लिए आरबीआई द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों के अननुपालन के लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया है:

क्रम सं बैंक का नाम मौद्रिक जुर्माने की राशि
( मिलियन में)
1. बैंक ऑफ बड़ौदा 40
2. केथोलिक सीरियन बैंक लिमिटेड 40
3. सिटीबैंक एन.ए. 40
4. इंडियन बैंक 40
5. कर्नाटक बैंक लिमिटेड 40
6. बीएनपी परिबास 30
7. सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड 30
8. इंडियन ओवरसीज बैंक 30
9. यूको बैंक 30
10. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 30
11. युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया 30
12. इलाहाबाद बैंक 20
13. बैंक ऑफ महाराष्ट्र 20
14. केनरा बैंक 20
15. डीसीबी बैंक लिमिटेड 20
16. देना बैंक 20
17. जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड 20
18. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स 20
19. सिंडीकेट बैंक 20
20. बैंक ऑफ अमेरिका एन.ए. 10
21. बार्कलेज बैंक पीएलसी 10
22. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 10
23. कार्पोरेशन बैंक 10
24. डीबीएस बैंक लिमिटेड 10
25. डॉईत्शे बैंक ए.जी. 10
26. हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड 10
27. आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड 10
28. आईडीबीआई बैंक लिमिटेड 10
29. इंडसइंड बैंक लिमिटेड 10
30. जेपी मॉर्गन चेस बैंक एन.ए. 10
31. करूर वैस्य बैंक लिमिटेड 10
32. पंजाब एंड सिंध बैंक 10
33. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक 10
34. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 10
35. तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड 10
36. यस बैंक लिमिटेड 10

ये मौद्रिक दंड उपर्युक्त बैंकों के आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त दिशानिर्देशों के अनुपालन में विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग कर लगाए गए हैं। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता के रूप में नहीं माना जाए।

पृष्ठभूमि

50 प्रमुख बैंकों के स्विफ्ट से संबंधित परिचालन नियंत्रणों के कार्यान्वयन और सुदृढ़ीकरण पर आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुपालन का मूल्यांकन किया गया, जिसमें पता चला कि बैंकों ने (i) स्विफ्ट वातावरण में भुगतान संदेशों का प्रत्यक्ष सृजन (ii) सीबीएस/ लेखा प्रणाली और स्विफ्ट प्रणाली के बीच स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग (एसटीपी) का कार्यान्वयन, (iii) यह सुनिश्चित करना कि जो यूजर सीबीएस में लेनदेन प्रविष्ट/ पारित/प्राधिकृत कर रहे हैं, वे स्विफ्ट वातावरण में काम करने वालों से अलग थे (iv) सीबीएस/लेखा प्रणाली में दर्ज संगत प्रविष्टि सहित स्विफ्ट से सृजित लॉग का समाधान, (v) एक विशेष सीमा से अधिक सभी भुगतान संदेशों के लिए अनुमोदन की एक अतिरिक्त परत का आरंभ, और (vi) टी+1/ टी+5 आधार पर नोस्ट्रो समाधान से संबन्धित एक अथवा अधिक दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया हैं।

गैर-अनुपालन के मूल्यांकन और सीमा के निष्कर्षों के आधार पर 49 बैंकों को यह सूचित करते हुए नोटिस (एससीएन) जारी किए गए थे कि वे कारण बताएं कि इसमें उल्लिखित किए अनुसार आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के गैर-अनुपालन के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंकों से प्राप्त उत्तरों, बैंकों द्वारा मांगे जाने पर व्यक्तिगत सुनवाई में मौखिक प्रस्तुतियाँ, और अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ की जाँच, यदि कोई हो, पर विचार करने के बाद आरबीआई ने प्रत्येक बैंक में गैर-अनुपालन की सीमा के आधार पर उपरोक्त 36 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।

आरबीआई निरंतर आधार पर इन नियंत्रणों के अनुपालन की पूरी गंभीरता से निगरानी करना जारी रखेगा।

जोस. जे. कट्टुर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2144

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