भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदर्श महिला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदर्श महिला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
1 अक्टूबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदर्श महिला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 01 अक्टूबर 2021 के आदेश द्वारा आदर्श महिला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र (बैंक) पर आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों-यूसीबी, निदेशक मंडल–यूसीबी और ऑन-साइट एटीएम खोलने संबंधी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन करने के लिए ₹25.00 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों-यूसीबी, निदेशक मंडल–यूसीबी और ऑन-साइट एटीएम खोलने संबंधी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/977 |