भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंदरसूल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंदरसूल (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंदरसूल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंदरसूल (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया
11 अप्रैल 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंदरसूल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंदरसूल (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 6 अप्रैल 2022 के आदेश द्वारा अंदरसूल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंदरसूल (महाराष्ट्र) (बैंक) पर आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को निदेशक मंडल तथा एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध-यूसीबी पर जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंक ने आरबीआई द्वारा निदेशक मंडल तथा एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी पर जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन में निदेशकों के रिश्तेदारों को ऋण प्रदान किया था। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/59 |