भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया
28 मई 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण और अग्रिम से संबंधित प्रावधान पर विवेकपूर्ण मानदंड - एनपीए खातों में विचलन”, “बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता" और “धोखाधड़ियों का वर्गीकरण और रिपोर्टिंग" संबंधी निदेशों के कुछ प्रावधानों के गैर अनुपालन के लिए बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर 27 फरवरी 2020 के आदेश द्वारा ₹ 5 करोड़ (केवल 5 करोड़ रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। रिज़र्व बैंक द्वारा यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2017 और 31 मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण और उस संबंध में जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट (आरएआर) से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उससे यह पूछा गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर मौद्रिक दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण तथा अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के गैर अनुपालन के लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2416 |