भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
26 फरवरी 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 25 फरवरी 2021 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निदेश 2016 में निहित निदेशों के कतिपय प्रावधानों और वाणिज्यिक बैंकों में समवर्ती लेखा परीक्षा- रिज़र्व बैंक दिशानिर्देशों में संशोधन, ग्राहक की शिकायतों और एटीएम लेनदेन के कारण असंगत शेष का प्रकटन, और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र- अग्रिमों की पुनर्संरचना संबंधी परिपत्रों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए ₹2 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट (आरएआर) से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार और उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुति की परीक्षण करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1171 |