भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया
10 नवंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 10 नवंबर 2020 के आदेश द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर दिनांक 3 सितंबर 2013 के “आवासीय क्षेत्र-नवीन आवास ऋण उत्पादों-आवास ऋणों का अग्रिम संवितरण” संबंधी परिपत्र में शामिल रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि बैंक द्वारा संवितरित कुछ आवास ऋणों से संबंधित रिकॉर्ड का एक अप्रत्यक्ष परीक्षण रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित किया गया था। इस परीक्षण और संबंधित दस्तावेजों से यह पता चलता है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। बैंक द्वारा दिये गए उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण और अतिरिक्त प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुए है और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/618 |