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भारतीय रिज़र्व बैंक ने डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

6 मई 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 5 मई 2022 के आदेश द्वारा डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (कंपनी) पर आरबीआई द्वारा जारी ‘एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' के अननुपालन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उपर्युक्त निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि एफ़एमआर-1 के माध्यम से आरबीआई को धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग करने में विलंब की सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/174

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