भारतीय रिज़र्व बैंक ने डोंबिवली नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डोंबिवली नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
30 जनवरी 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डोंबिवली नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी “आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) मानदंड संबंधी निदेशों के गैर अनुपालन के लिए डोंबिवली नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 29 जनवरी 2020 के आदेश द्वारा ₹ 50 लाख का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित सांविधिक निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आईआरएसी संबंधी निदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उससे यह पूछा गया था कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन न करने हेतु बैंक पर मौद्रिक दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण तथा व्यक्तिगत सुनवाई के बाद दिये गए स्पष्टीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आईआरएसी संबंधी निदेशों के गैर अनुपालन संबंधी आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1832 |