भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
22 मार्च 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 22 मार्च 2021 के आदेश द्वारा फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (कंपनी) पर “एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016” में निहित भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के संबंध में अननुपालन के लिए ₹15.00 लाख (पंद्रह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (अधिनियम) की धारा 58 बी की उप- धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के आधार पर उनके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। कंपनी के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1280 |