भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचडीएफ़सी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचडीएफ़सी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
29 जनवरी 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचडीएफ़सी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 जनवरी 2020 के आदेश द्वारा एचडीएफ़सी बैंक लिमिटेड पर अपने ग्राहक को जानिए पर 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश (8 दिसंबर 2016 को अद्यतन) (निदेश) का अननुपालन करने के लिए ₹ 1 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त निदेशों के बैंक द्वारा अननुपालन के कारण बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2017 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए एचडीएफ़सी बैंक के ऑनसाइट निरीक्षण के दौरान आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव हेतु बोली लगाने के लिए बैंक के ग्राहकों द्वारा खोले गए 39 चालू खातों की छान-बीन की गई जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि इन खातों के खोलने में बैंक उचित सतर्कता दिखने में विफल रहा। यह भी पाया गया कि इन चालू खातों में प्रभावित लेनदेन ग्राहकों की घोषित आय और प्रोफाइल के अनुरूप नहीं थे। उक्त के लिए बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक का जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियाँ तथा अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण की जांच पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए है और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1821 |