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भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा इंडियन बैंक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों का उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों पर ब्याज दर’, ‘किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना’ तथा ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,61,40,000 (एक करोड़ इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।                 

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2023) किया गया। बीआर अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।  

नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिनके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:    

  1. बैंक कतिपय अस्थिर दर वाले खुदरा ऋणों और कतिपय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को दिए गए ऋणों पर ब्याज दर को बाह्य बेंचमार्क दर से निर्धारित करने में विफल रहा;
  2. बैंक ने ₹1.6 लाख तक के कतिपय केसीसी ऋणों और ₹10 लाख तक के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को दिए गए कतिपय ऋणों के संबंध में संपार्श्विक प्रतिभूति प्राप्त की; और
  3. बैंक ने निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में पात्र राशि अंतरित नहीं की।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।  

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/190

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