भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नरसिंहपुर (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नरसिंहपुर (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया
14 मार्च 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नरसिंहपुर (म.प्र.) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 9 मार्च 2022 के आदेश द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नरसिंहपुर (म.प्र.) (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) और जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014 (योजना) के प्रावधानों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹1.00 (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक ने अधिनियम की धारा 26-ए के तहत प्रावधानों तथा योजना के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए दावा न की गई पात्र जमाराशियों को जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में अंतरित नहीं किया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों तथा आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1860 |