भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सतना (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सतना (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया
28 फरवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सतना (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 25 फरवरी 2022 के एक आदेश द्वारा, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सतना (म.प्र.) (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष योजना, 2014 (योजना) के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹25,000 (केवल पच्चीस हज़ार रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंक ने अधिनियम की धारा 26-ए के प्रावधानों और योजना का उल्लंघन/अननुपालन करते हुए पात्र अदावी जमाराशियों को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में अंतरित नहीं किया था। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों और आरबीआई निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1794 |