भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लि. पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लि. पर मौद्रिक दंड लगाया
24 दिसंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लि. पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 23 दिसंबर 2021 के आदेश द्वारा एमयूएफ़जी बैंक लि. (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी “ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध” संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹30 लाख (तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए किए गए सांविधिक निरीक्षण और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट तथा उक्त से संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने अपने प्रबंधन समिति के स्तर से मंजूरी लिए बिना ऐसी कंपनियों को ऋण तथा अग्रिम मंजूर किया है जिनके निदेशक मंडल में ऐसे व्यक्ति (यों) शामिल हैं जो अन्य बैंकों के बोर्ड में निदेशक थे और इस सीमा तक बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेश का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और बैंक द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1419 |