भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
27 मई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमयूएफ़जी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 25 मई 2022 के आदेश द्वारा एमयूएफ़जी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर आरबीआई द्वारा दिनांक 20 फरवरी 2018 को "स्विफ्ट से संबंधित परिचालन नियंत्रण के समयबद्ध कार्यान्वयन और सुदृढ़ीकरण" पर जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹45 लाख (पैंतालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि बैंक की अनुपालन स्थिति की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक ने उक्त निदेशों का इस सीमा तक अननुपालन किया कि बैंक, उक्त निदेशों के तहत निर्धारित 30 अप्रैल 2018 की समय- सीमा के भीतर, गैर-निधि एक्सपोजर/वित्तीय प्रभावों के साथ एक्सपोजर उत्पन्न करने वाले लेनदेन के लिए, कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस)/ अकाउंटिंग सिस्टम और स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम के बीच स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग (एसटीपी) स्थापित करने में तथा आरबीआई द्वारा जारी दिनांक 04 मई 2021 के विशिष्ट निदेश के तहत अनिवार्यतः 31 जुलाई 2021 तक उपरोक्त अपेक्षाओं के सकारात्मक रूप से अनुपालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/275 |