भारतीय रिज़र्व बैंक ने नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर पर मौद्रिक दंड लगाया
29 मई 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2020 के आदेश द्वारा नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर ‘आय निर्धारण और परिसंपत्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) मानदंडों’, अग्रिम प्रबंधन और एक्सपोज़र मानदंडों और सांविधिक / अन्य प्रतिबंधों पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए निदेशों का अनुपालन न करने के लिए ₹40 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त निदेशों के बैंक द्वारा अननुपालन के कारण बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि रिज़र्व बैंक द्वारा 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण के दौरान अन्य बातों के साथ-साथ बैंक द्वारा आईआरएसी मानदंडों, अग्रिमों का प्रबंधन और एक्सपोज़र मानदंडों और सांविधिक / अन्य प्रतिबंधों पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए निदेशों के अननुपालन का और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (सीसीवी) के अनुसार सहकारी समिति में सदस्य के रूप में मान्यता संबंधी उपनियमों के अननुपालन का पता चला। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक का जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आईआरएसी मानदंडों, अग्रिम प्रबंधन और एक्सपोज़र मानदंडों और सांविधिक / अन्य प्रतिबंधों पर रिज़र्व बैंक के निदेशों का अनुपालन नहीं करने के आरोप सिद्ध हुए है और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2428 |