भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाशिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाशिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक पर मौद्रिक दंड लगाया
24 सितंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाशिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 सितंबर 2020 के आदेश द्वारा नाशिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक (दि बैंक) पर प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसी अधिनियम) की धारा 15 के उल्लंघन के लिए ₹2000 का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड उपर्युक्त अधिनियम के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए सीआईसी अधिनियम की धारा 23 (4) के साथ पठित धारा 25 (1) (iii) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी की सदस्यता प्राप्त करने के संबंध में सीआईसी अधिनियम के प्रावधानों का अननुपालन किया जा रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि सीआईसी अधिनियम के प्रावधानों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। बैंक द्वारा दिये गए उत्तर और बैंक के अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सीआईसी अधिनियम के प्रावधानों का अननुपालन करने के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/386 |