भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवभारत को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि. हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवभारत को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि. हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया
31 जनवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवभारत को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि. हैदराबाद, तेलंगाना भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 25 जनवरी 2022 के आदेश द्वारा नवभारत को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लि. हैदराबाद पर (i) पर्यवेक्षी कार्रवाई फ्रेमवर्क के तहत जारी निदेशों का उल्लंघन (ii) बुनियादी साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क से संबंधित निदेशों का उल्लंघन और (iii) आईएस लेखा-परीक्षा और आंतरिक लेखा-परीक्षा अनुपालन संबंधी अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं करने के लिए ₹12.00 लाख (बारह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि पर्यवेक्षी कार्रवाई फ्रेमवर्क, बुनियादी साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क और आईएस लेखा-परीक्षा और आंतरिक लेखा-परीक्षा अनुपालन के अंतर्गत जारी निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1640 |