भारतीय रिज़र्व बैंक ने निसान रेनॉल्ट फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निसान रेनॉल्ट फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
18 नवंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने निसान रेनॉल्ट फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 17 नवंबर 2020 के आदेश द्वारा निसान रेनॉल्ट फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर लागू एनबीएफसी के लिए उचित व्यवहार संहिता पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा लेने वाली कंपनी और जमा लेने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 में निहित रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के आधार पर निसान रेनॉल्ट फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सांविधिक निरीक्षण के रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा लेने वाली कंपनी और जमा लेने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों का अननुपालन हुआ है। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन करने में विफल होने पर उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के जवाब तथा कंपनी द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त दस्तावेजों की जांच पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/653 |