भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उ.प्र. पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उ.प्र. पर मौद्रिक दंड लगाया
9 मई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उ.प्र. भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 4 मई 2022 के आदेश द्वारा नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36(1) के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट में, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36(1) के उल्लंघन का पता चला, चूंकि जब बैंक ने पूर्व की अवधि के अदावी लाभांश का भुगतान किया, तब बैंक द्वारा लाभांश के भुगतान पर रोक लगाने वाले आरबीआई के निदेशों का पालन करने में वह विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36(1) के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/181 |