भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया
3 फरवरी 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 2 फरवरी 2021 के आदेश द्वारा सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे (दि बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "मास्टर परिपत्र- अग्रिमों का प्रबंधन- यूसीबी” और “मास्टर परिपत्र- आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले-यूसीबी” में निहित कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए ₹55 लाख (पचपन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए (i) निधियों का अंतिम उपयोग सुनिश्चित न करने के लिए (ii) आईआरएसी मानदंडों का पालन न करने के लिए और (iii) उन आधारों पर पूर्वव्यापी प्रभाव वाले ऋण खातों का पुनर्गठन, जो वैध नहीं है, के लिए लगाया गया है, जिसके बारे में 2019 के दौरान रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित बैंक की जांच के दौरान पता चला था। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1042 |