भारतीय रिजर्व बैंक ने सात बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिजर्व बैंक ने सात बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया
2 अगस्त 2019 भारतीय रिजर्व बैंक ने सात बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 31 जुलाई 2019 के एक आदेश द्वारा, "चालू खातें खोलने और परिचालन के लिए आचार संहिता", "बैंकों द्वारा चालू खाता खोलना - अनुशासन की आवश्यकता", "बैंकों द्वारा बिलों की डिस्काउंटिंग / रिडिस्काउंटिंग", "भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों और चयनित वित्तीय संस्थानों द्वारा रिपोर्टिंग और धोखाधड़ी का वर्गीकरण) दिशा-निर्देश 2016", "फंड का अंतिम उपयोग - मॉनिटरिंग" और “बैलेंस शीट डेट पर जमाराशि”, पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के कुछ प्रावधानों के गैर-अनुपालन के लिए सात बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया जिसका विवरण निम्नानुसार है:
आरबीआई द्वारा जारी पूर्वोक्त निर्देशों का पालन करने में बैंकों की विफलता को देखते हुए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए (1)(सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रश्न करना नहीं है। पृष्ठभूमि रिजर्व बैंक द्वारा एक समूह की कंपनियों के खातों की जांच की गई थी और यह देखा गया कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक या एक से अधिक निर्देशों के प्रावधानों का पालन करने में बैंक विफल रहें जैसा कि ऊपर बताया गया है । जांच के निष्कर्षों के आधार पर, बैंकों को नोटिस जारी किया गया था, ताकि उन्हें निर्देश दिया जा सके कि वे इस बात का कारण बताएं कि निर्देशों का पालन न करने पर उन पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंकों से प्राप्त उत्तरों, व्यक्तिगत सुनवाई में बैंकों से मांगी गई मौखिक प्रस्तुतियों और अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ, यदि कोई हो, पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रिज़र्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने के पूर्वोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और प्रत्येक बैंक में गैर-अनुपालन की सीमा के आधार पर, उपरोक्त सात बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय किया गया। योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/321
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