भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री महायोगी लक्ष्मम्मा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कुरनूल, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री महायोगी लक्ष्मम्मा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कुरनूल, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
9 जनवरी 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री महायोगी लक्ष्मम्मा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कुरनूल, आंध्र प्रदेश भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, श्री महायोगी लक्ष्मम्मा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कुरनूल, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - शहरी सहकारी बैंक संबंधी निदेशों का पालन न करने के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने आईआरएसी मानदंडों के अनुसार कुछ ऋण खातों को अनर्जक आस्तियों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1521 |