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भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री कन्याका नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, चंद्रपुर, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

17 नवंबर 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री कन्याका नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, चंद्रपुर, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 17 नवंबर 2021 के एक आदेश द्वारा, श्री कन्याका नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, चंद्रपुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 (1) के तहत आरबीआई द्वारा जारी पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा, आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को ऑन-साइट एटीएम खोलने, धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग, एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध - यूसीबी और निदेशक मंडल-यूसीबी पर जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 10.50 लाख (केवल दस लाख पचास हज़ार रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंक ने (i) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरबीआई द्वारा जारी परिचालन निर्देशों के उल्लंघन में स्थावर संपदा क्षेत्र को नए ऋण दिए (ii) आरबीआई की आवश्यक अनुमति के बिना ऑन-साइट एटीएम खोले, (iii) कई अवसरों पर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में देरी की, और (iv) आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन में निदेशक से संबंधित ऋण दिए थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण और बैंक द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना जरूरी है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1217

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