भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्रीराम सिटी यूनियन फाइनान्स लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्रीराम सिटी यूनियन फाइनान्स लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
24 सितंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्रीराम सिटी यूनियन फाइनान्स लिमिटेड पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने श्रीराम सिटी यूनियन फाइनान्स लिमिटेड, चेन्नई (दि कंपनी) पर रिज़र्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में निहित सोने के आभूषणों के स्वामित्व का सत्यापन-व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा लेने वाली कंपनी और जमा लेने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 तथा एनबीएफ़सी में धोखाधड़ी की निगरानी में निहित धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के लिए जारी निदेशों के अननुपालन के लिए दिनांक 23 सितंबर 2020 के आदेश के माध्यम से ₹5 लाख (रुपये पाँच लाख मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58(जी) की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2018 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए श्रीराम सिटी यूनियन फाइनान्स लिमिटेड के सांविधिक निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि आरबीआई द्वारा जारी ऊपर उल्लिखित निदेशों का अननुपालन किया जा रहा है। इसी को आगे बढ़ाते हुए, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। कंपनी द्वारा दिये गए उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन से मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/388 |