भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुश्रुति सौहार्द सहकारा बैंक नियमिता, बंगलुरु, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुश्रुति सौहार्द सहकारा बैंक नियमिता, बंगलुरु, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया
17 नवंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुश्रुति सौहार्द सहकारा बैंक नियमिता, बंगलुरु, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 16 नवंबर 2020 के आदेश द्वारा शुश्रुति सौहार्द सहकारा बैंक नियमिता (दि बैंक) पर आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण प्रावधानिकरण और अन्य संबंधित मामलों-यूसीबी संबंधी परिपत्र में निहित रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹20.00 लाख (बीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक के वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट से यह पता चला कि आस्ति वर्गीकरण प्रावधानिकरण और अन्य संबंधित मामलों-यूसीबी संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी निदेशों का बैंक ने अनुपालन नहीं किया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए।बैंक द्वारा दिये गए लिखित उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/643 |