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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुधा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, पंजीकरण संख्या 599/टीएच, सूर्यपेट, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया

20 फरवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुधा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, पंजीकरण
संख्या 599/टीएच, सूर्यपेट, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 फरवरी 2023 के आदेश द्वारा, सुधा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, पंजीकरण संख्या 599/टीएच, सूर्यपेट, तेलंगाना (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी शहरी सहकारी बैंकों पर लागू निदेशक मंडल, एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध तथा आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामलों संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्टों से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने निदेशकों को ऋण दिया, निदेशक से संबंधित ऋणों को सतत अच्छा बनाए रखने का उपाय किया और एकल उधारकर्ता एक्सपोजर सीमा का उल्लंघन किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1760

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