भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अग्रसेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अग्रसेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया
07 मार्च 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अग्रसेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 04 मार्च 2022 के आदेश द्वारा दि अग्रसेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना (बैंक) पर, रिज़र्व बैंक द्वारा 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण' और 'एक्सपोज़र मानदंड/सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी' पर जारी निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन के लिए ₹12.00 लाख (रुपये बारह लाख केवल) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 4 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 12 फरवरी 2019 को की गई त्वरित संवीक्षा के आधार पर बैंक की संवीक्षा रिपोर्ट और 31 मार्च 2020 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले-यूसीबी' और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी' पर जारी निदेशों का उल्लंघन/अनुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1820 |