भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बारामुल्ला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बारामुल्ला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर पर मौद्रिक दंड लगाया
21 फरवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बारामुल्ला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 15 फरवरी 2022 के एक आदेश द्वारा, दि बारामुल्ला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 का उल्लंघन और नई जमाराशि की स्वीकृति पर रोक लगाने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 का उल्लंघन किया गया है, चूंकि बैंक ने अपना परिसर किराए पर दिया था; अचल संपत्तियां, जो अपने स्वयं के उपयोग के लिए आवश्यक नहीं हैं, के लिए आरबीआई से कोई विस्तारित अवधि मांगे बिना अनुमेय अधिकतम अवधि तक धारित रखा। बैंक ने आरबीआई के विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन में नई जमाराशि भी स्वीकार की थी। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई के निदेशों तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की कथित धाराओं के उल्लंघन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 तथा आरबीआई के विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1743 |