भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, राजकोट (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, राजकोट (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया
17 जनवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, राजकोट (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 11 जनवरी 2022 के आदेश द्वारा दि को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, राजकोट (गुजरात) (बैंक) पर, रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों तथा फर्मों/ प्रतिष्ठानों जिनमें उनकी रुचि हो को ऋण एवं अग्रिम’ संबंधी निदेशों का उल्लंघन करने के लिए ₹4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट व सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ- साथ यह पता चला कि बैंक ने उन फर्मों के ऋण मंजूर किए थे जिनमें बैंक के एक निदेशक के रिश्तेदार की रुचि थी, जिसके परिणामस्वरूप रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1559 |