भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गुंटूर विमेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, गुंटूर, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गुंटूर विमेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, गुंटूर, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
4 फरवरी 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गुंटूर विमेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, गुंटूर, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 3 फरवरी 2021 के आदेश द्वारा दि गुंटूर विमेन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, गुंटूर, आंध्र प्रदेश (दि बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशकों या उनके रिश्तेदारों को अग्रिमों का निषेध, आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण और स्वर्ण के आभूषणों की प्रतिभूति के बदले ऋण देने संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेशकों के रिश्तेदारों को ऋण देने, आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण में विचलन और स्वर्ण ऋणों के संबंध में मूल्य की तुलना में ऋण और चुकौती दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है, जो 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण के दौरान पता चला। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1046 |