भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया
14 फरवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 9 फरवरी 2022 के एक आदेश द्वारा दि हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर आरबीआई द्वारा दिनांक 30 दिसंबर को जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण- राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ऋण हानि की मान्यता’ संबंधी परिपत्र में निहित कतिपय निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 26ए के अनुसार गठित जमाकर्ता शिक्षण एवं जागरूकता कोष में पात्र निधियों का अंतरण नहीं करने के लिए ₹2 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1718 |