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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू पर मौद्रिक दंड लगाया

24 जनवरी 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 20 जनवरी 2022 के आदेश द्वारा दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2010 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 के प्रावधानों उल्लंघन किया है, क्योंकि बैंक ने अपनी संपत्तियों का कुछ हिस्सा किराए पर दिया था और अधिकतम अनुमत अवधि के बाद भी अचल संपत्तियां धारित की, जोकि उसके स्वयं के उपयोग के लिए आवश्यक नहीं था तथा इस तरह के धारण के लिए आरबीआई का अनुमोदन नहीं लिया और ऐसी गैर-बैंकिंग परिसंपत्तियों का अनुमत अवधि के भीतर निपटान नहीं किया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 के उपर्युक्त प्रावधानों के उल्लंघन/अतिक्रमण के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 6 और धारा 9 के उपर्युक्त प्रावधानों के उल्लंघन/अतिक्रमण के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1598

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