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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सह्याद्री सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया

13 अक्टूबर 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सह्याद्री सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 13 अक्टूबर 2021 के आदेश द्वारा दि सह्याद्री सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के प्रावधानों, इसके तहत बनाई गई योजना के उल्लंघन तथा आरबीआई द्वारा जारी धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी मास्टर परिपत्र में निहित निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन करने के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने (i) किसी खाते में दस वर्ष से अधिक समय तक दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता कोष (डीईए निधि) में स्थानांतरित नहीं किया और (ii) आरबीआई को अत्यधिक देरी से धोखाधड़ी की सूचना दी। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि अधिनियम के प्रावधानों और पूर्वोक्त निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का पालन न करने और उल्लंघन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों तथा आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन और उल्लंघन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1040

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