भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., बदायूँ (उ.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., बदायूँ (उ.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया
13 जून 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., बदायूँ (उ.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 7 जून 2022 के आदेश द्वारा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., बदायूँ (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 और धारा 35 ए की उप-धारा (1) का उल्लंघन करने के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 और 35 ए की उप-धारा (1) का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि बैंक, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) के तहत जारी आरबीआई के निदेशों और धोखाधड़ी-वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी आरबीआई के निदेशों का अनुपालन करने में विफल रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की उक्त धाराओं का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 और 35 ए की उप-धारा (1) के अननुपालन/ उल्लंघन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/358 |