भारतीय रिज़र्व बैंक ने (क) फीचर फोन के लिए यूपीआई (UPI123pay) (ख) डिजिटल भुगतान के लिए 24x7 हेल्पलाइन (DigiSaathi) की शुरुआत की - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने (क) फीचर फोन के लिए यूपीआई (UPI123pay) (ख) डिजिटल भुगतान के लिए 24x7 हेल्पलाइन (DigiSaathi) की शुरुआत की
8 मार्च 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने (क) फीचर फोन के लिए यूपीआई (UPI123pay) (ख) डिजिटल भुगतान के लिए रिज़र्व बैंक ने आज दो प्रमुख पहल की शुरुआत की- (1) UPI123Pay - फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूनिफ़ाइड इंटरफ़ेस पेमेंट्स (यूपीआई) भुगतान करने का विकल्प, और (2) DigiSaathi – सभी उत्पादों में डिजिटल भुगतान उपयोगकर्ताओं के संदेहों का समाधान करने के लिए एक 24x7 हेल्पलाइन। इन दो पहलों का शुभारंभ करते हुए, आरबीआई गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने देश में डिजिटल नवाचारों की विविधता, उपयोगिता और परिवर्तनकारी शक्ति को बढ़ावा देने में इन पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला। ये पहल डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र और वित्तीय समावेशन और गहन बनाएगी। गवर्नर ने यह भी कहा कि आरबीआई इसके लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में, यूपीआई का प्रभावी एक्सेस स्मार्ट फोन पर उपलब्ध है। यूपीआई को *99# लघु कोड का उपयोग करके एनयूयूपी (नेशनल यूनिफाइड यूएसएसडी प्लेटफॉर्म) के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। लेकिन यह विकल्प जटिल है और लोकप्रिय नहीं है। यह देखते हुए कि देश में 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन मोबाइल ग्राहक हैं, UPI123pay ऐसे उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई का उपयोग करने के विकल्पों में वस्तुतः सुधार करेगा। UPI123Pay में नीचे दिए गए चार अलग-अलग विकल्प शामिल हैं:
24x7 हेल्पलाइन - ‘DigiSaathi’- डिजिटल भुगतान के सभी पहलुओं पर सहायता प्राप्त करने के लिए एक चैनल प्रदान करता है। डिजिटल भुगतान उत्पादों और सेवाओं से संबंधित जानकारी पर स्वचालित प्रतिक्रियाएं हिंदी और अंग्रेजी में कई विकल्पों के माध्यम से उपलब्ध हैं, जैसे - (क) टोल-फ्री नंबर (1800-891-3333), (ख) एक लघु कोड (14431), (ग) वेबसाइट - www.digisaathi.info, और (घ) चैटबॉट्स। DigiSaathi, डिजिटल भुगतान संबंधी अपने उपयोगकर्ता के प्रश्नों के लिए वेबसाइट एवं चैटबॉट की सुविधा और टोल-फ्री कॉल, जहां उपयोगकर्ता उन विकल्पों / उत्पादों को डायल या कॉल कर सकता है जिनके लिए जानकारी की आवश्यकता है, के माध्यम से सहायता प्रदान करेगा । आगे चलकर इसमें और संवादात्मक विकल्प और भाषा विकल्प सक्षम किए जाएंगे। उपरोक्त पहलों की परिकल्पना भारत में डिजिटल स्वीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए की गई है, जिसके लिए एक समृद्ध और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र तैयार की गई है, जिसमें आबादी के बड़े हिस्से को समायोजित किया जा सके। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1830 |