भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नासिक मर्चन्ट्स सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र पर दण्ड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नासिक मर्चन्ट्स सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र पर दण्ड लगाया
17 जुलाई 2013 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नासिक मर्चन्ट्स सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 47ए (1)(ए) के साथ पठित धारा 46(4) (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए दि नासिक मर्चन्ट्स सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुदेशों/दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर ₹ 5.00 लाख (पांच लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दण्ड लगाया है। इसकी वित्तीय स्थिति के संबंध में 31 मार्च 2012 को किए गए निरीक्षण से पता चला कि बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 6(1)(जे) का निरंतर उल्लंघन किया क्योंकि इसने नामको धर्मार्थ न्यास के नाम और शैली में एक न्यास की स्थापना की और न्यास में सात न्यासी थे जो बैंक के निदेशक भी थे तथा इस न्यास का उद्देश्य आम जनता के लिए चिकित्सा सह अस्पताल चलाना था। इस प्रकार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 6(1)(जे) (सहकारी समितियों पर यथा लागू) का बार-बार उल्लंघन किए जाने का प्रमाण मिला। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसके जवाब में बैंक ने लिखित जवाब प्रस्तुत किया। इस मामले के तथ्यों और बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उल्लंघन साबित हो गया और इसे ‘बड़े उल्लंघन’ के रूप में वर्गीकृत किया गया जिसके लिए बैंक पर दण्ड लगाना आवश्यक हो गया। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/122 |