RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80179446

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की

24 अप्रैल 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2017-2018 के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी की।

मुख्य बातें

  • बैंकिंग लोकपाल के 21 कार्यालयों को वर्ष 2017-18 में 1,63,590 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 24.9% की वृद्धि हुई।

  • बैंकिंग लोकपाल के कार्यालयों ने पिछले वर्ष की 92.0% की तुलना में 96.5% की निपटान दर को बनाए रखा।

  • वर्ष के दौरान प्राप्त शिकायतों के प्रमुख कारण थे उचित व्यवहार संहिता का अननुपालन (22.1%), एटीएम और डेबिट कार्ड संबंधी मुद्दे (15.1%), क्रेडिट कार्ड संबंधी मुद्दे (7.7%), प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफलता (6.8%), मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग संबंधी मुद्दे (5.2%) ।

  • ‘ पेंशन ’, 'बिना सूचना के प्रभार शुल्क’,' ऋण और अग्रिम ’, विप्रेषण’, ‘डीएसए और रिकवरी एजेंट ’ और ‘मिस-सेलिंग’ से संबंधित समस्याओं पर शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें प्राप्त कुल शिकायतों में से प्रत्येक का 5 प्रतिशत या उससे कम का हिस्सा है।

  • 65.8% निवारणयोग्य शिकायतों को समझौते के माध्यम से समाधान किया गया, यानी मध्यस्थता के माध्यम से। पिछले वर्ष के दौरान, यह आंकड़ा 42.4% था।

  • पिछले वर्ष में जारी 31 निर्णयों की तुलना में, 2017-18 में 21 में से 12 बैंकिंग लोकपालों द्वारा 148 निर्णय जारी किए गए ।

  • अपीलीय प्राधिकारी को पिछले वर्ष के 15 अपील की तुलना में वर्ष 2017-18 में 125 अपील प्राप्त हुए । 1 जुलाई 2017 से बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील दायर किए जाने संबंधी आधारों के विस्तार के कारण अपील की संख्या में वृद्धि हुई ।

  • दक्षता में सुधार और बड़े पैमाने की किफायतों के कारण शिकायत निवारण की औसत लागत 2016-17 में 3,626/- से घटकर 2017-18 में 3,504/- हुई ।

  • बैंकिंग लोकपाल के कार्यालयों ने इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मुख्य रूप से अपने संबंधित क्षेत्राधिकार के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान / स्थानेतर गतिविधियाँ, टाउन हॉल बैठकें, विज्ञापन अभियान आयोजित किए।

  • रिज़र्व बैंक के एसएमएस हैंडल ‘आरबीआई कहता है’ का उपयोग बड़े पैमाने पर धन के फर्जी प्रस्ताव, इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग सुविधाओं के सुरक्षित उपयोग, बीओ योजना आदि जैसे विषयों पर टेक्स संदेश भेजने के लिए किया गया । रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक इंटीग्रेटेड वॉयस रिकॉग्निशन सर्विस सुविधा (14440 पर मिस्ड कॉल देकर) भी जनता के लिए उपलब्ध कराई गई थी।

2. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क के अंतर्गत 14 जून 1995 को बैंकिंग लोकपाल योजना 1995अधिसूचित की गई थी । योजना का लक्ष्य और उद्देश्य आम बैंक ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं में कमियों से संबंधित शिकायतों के लिए एक त्वरित और लागत मुक्त निवारण तंत्र प्रदान करना था, जिसके अभाव में उन्हें अदालतों जैसे किसी अन्य निवारण मंच तक पहुंचने में कठिनाई या अत्यधिक लागत का सामना करना पड़ता था । यह योजना अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए लागू है। योजना के लागू किए जाने के बाद उसमें कई संशोधन किए गए हैं। फिलहाल प्रभावी बैंकिंग लोकपाल योजना 2006, (बीओएस) को 1 जुलाई 2017 तक संशोधित किया गया है। विशिष्ट राज्यवार अधिकार क्षेत्र के साथ 21 बैंकिंग लोकपाल कार्यालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर कर रहे हैं।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2527

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?