10 फरवरी 2010 भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजवाडे मंडल पिपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि.,धुळे, जिला: धुळे, महाराष्ट्र का लाइसेंस के लिए आवेदन अस्वीकृत किया इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राजवाडे मंडल पिपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि.,धुळे, जिला: धुळे, महाराष्ट्र अर्थक्षम नहीं रह गया है और महाराष्ट्र सरकार के साथ परामर्श से उसे पुनरूजीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 27 जनवरी, 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद उक्त बैंक का लाइसेंस के लिए आवेदन अस्वीकृत करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक के परिसमापन और उसके लिए परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के परिसमापन पर हर जमाकर्ता सामान्य शर्तों के अंतर्गत निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। एक सहकारी बैंक के रूप में कार्य करने के लिए बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक को 19 मई 1966 को लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। बैंक की 31 मार्च 2008 की वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति में गिरावट हुई है । बैंक की 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के परवर्ती सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति नाजुक हो गयी है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 अगस्त 2009 के निदेश शबैंवि.केंका.एनएसबी-I.सं.डी-54/ 12.22.315/2009-10 के द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत उक्त बैंक को निदेश जारी किए गए जिसके द्वारा उसके बैंकिंग परिचालनों पर प्रतिबंध लगाये गए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 सितंबर 2009 को उक्त बैंक को एक नोटिस जारी करके पूछा कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक द्वारा प्रस्तुत लाइसेंस आवेदन क्यो न अस्वीकृत किया जाए । कारण बताओ नोटिस के उत्तर की जाँच की गई और यह पाया गया कि बैंक ने अपने पुनर्जीवन के बारे में कोई ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत नहीं की थी। वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए किसी सक्षम कार्ययोजना के अभाव तथा अपेक्षित विनियामक निर्धारणों को हासिल न कर पाने के कारण बैंक के पुनर्जीवन की कोई संभावना नहीं थी। इसलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में उक्त बैंक का लाइसेंस के लिए आवेदन अस्वीकृत करने का निर्णय लिया। बैंक का लाइसेंस के लिए आवेदन अस्वीकृत किए जाने और उसके परिसमापन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही राजवाडे मंडल पिपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि.,धुळे, जिला: धुळे,, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेंस के लिए आवेदन अस्वीकृत होने के परिणामस्वरूप राजवाडे मंडल पिपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लि., धुळे, जिला: धुळे, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत यथापरिभाषित "बैंकिंग व्यवसाय" करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उनकी चुकौती भी शामिल है। इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री पी.के.अरोड़ा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, मुंबई से संपर्क कर सकते हैं। श्री अरोड़ा का संपर्क सूत्र नीचे दिया गया है: डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, दूसरी मंज़िल, गारमेंट हाउस, वरली, मुंबई - 400018 टेलीफोन सं. : (022) 24939930-49, सीधी लाइन: (022) 24935348 फैक्स सं. (022) 24935495 ई-मेल अजीत प्रसाद प्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/1110 |