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रिज़र्व बैंक ने बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल का लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत किया

16 मई 2014

रिज़र्व बैंक ने बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल का
लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत किया

इस तथ्य की दृष्टि से कि बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक 30 सितंबर 2012 को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित रियायती लाइसेंस शर्तों का अनुपालन करने में असफल हो गया है, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाबार्ड के परामर्श से 15 मई 2014 को उपर्युक्त बैंक का भारत में बैंकिंग कारोबार करने का लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत करने का आदेश दिया। पश्चिम बंगाल की सहकारी समितियों के पंजीयक से इस बैंक को बंद करवाने और बैंक के लिए समापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। इस बात पर प्रकाश डाला जा सकता है कि समापन पर प्रत्येक जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 (रुपए एक लाख मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों के भुगतान का पात्र है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बीरभूम डीसीसीबी का लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत कर दिया है। बैंक द्वारा गंभीर चलनिधि कमी का सामना किए जाने की दृष्टि से इसे 9 मई 2012 से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेशाधीन किया गया था। नाबार्ड द्वारा 31 मार्च 2012 को इसकी स्थिति के संबंध में किए गए निरीक्षण से इसकी वित्तीय स्थिति में गिरावट का पता चला। जमाराशियां कम हो रही थी क्योंकि इसके चुकता पूंजी का प्राप्य मूल्य और आरक्षित निधियां ऋणात्मक थी। बैंक की अस्थिर वित्तीय स्थिति की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ने 7 मार्च 2013 को इस बैंक को कारण बताओं नोटिस जारी किया जिसमें पूछा गया कि वह कारण बताए कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए उसका लाइसेंस आवेदन क्यों अस्वीकृत नहीं किया जाए। इसके अतिरिक्त नाबार्ड द्वारा बैंक की 31 मार्च 2013 की वित्तीय स्थिति के संबंध में की गई विशेष संवीक्षा में बैंक की वित्तीय स्थिति में किसी महत्वपूर्ण सुधार का पता नहीं चला। नाबार्ड ने प्रमाणित किया था कि बैंक ने न्यूनतम लाइसेंसिंग मानदंडों को प्राप्त नहीं किया। इसलिए बैंक को 7 फरवरी 2014 को नया नोटिस दिया गया जिसमें पूछा गया कि वह कारण बताए कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए उसका लाइसेंस आवेदन अस्वीकार क्यों नहीं किया जाए। बैंक द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। चूंकि बैंक के पास पुनरुत्थान की कोई व्यवहार्य कार्य योजना नहीं थी और इसके पुनरुत्थान की संभावना बहुत कम थी, भारतीय रिज़र्व बैंक को जमाकर्ताओं के हित में बैंक का लाइसेंस आवेदन अस्वीकार करना पड़ा है। समापन कार्यवाही शुरू होने के बाद बीरभूम डीसीसीबी के जमाकर्ताओं का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, डीआईसीजीसी अधिनियम के अनुसार बीमाकृत राशि 1.00 लाख तक है।

15 मई 2014 को बैंक को दिए गए 9 मई 2014 के स्थायी आदेश के अनुसार लाइसेंस आवदेन अस्वीकार करने के परिणामस्वरूप बीरभूम डीसीसीबी पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(बी) में यथापरिभाषित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध है, इसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उनका भुगतान करना शामिल है।

स्पष्टीकरण के लिए बैंक के जमाकर्ता श्री एस. एन. मित्रा, सहायक महाप्रबंधक, आरपीसीडी, भारतीय रिज़र्व बैंक, कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्योरा निम्नानुसार है:

डाक पता: ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 15, एन.एस. मार्ग, कोलकाता-700001; टेलीफोन नं. (033) 22130685, फैक्स नं. (033) 22421305 ।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2232

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