रिज़र्व बैंक ने बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र के लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र के लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत किए
16 मई 2014 रिज़र्व बैंक ने बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र के इस तथ्य की दृष्टि से कि बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक 30 सितंबर 2012 को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित रियायती लाइसेंस शर्तों का अनुपालन करने में असफल हो गए हैं, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाबार्ड के परामर्श से 15 मई 2014 को उपर्युक्त बैंकों का भारत में बैंकिंग कारोबार करने का लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत करने का आदेश दिया। महाराष्ट्र की सहकारी समितियों के पंजीयक से इन बैंकों को बंद करवाने और बैंकों के लिए समापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। इस बात पर प्रकाश डाला जा सकता है कि समापन पर प्रत्येक जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से ₹ 1,00,000 (रुपए एक लाख मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों के भुगतान का पात्र है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत कर दिए हैं। बैंकों द्वारा गंभीर चलनिधि कमी का सामना किए जाने की दृष्टि से इन्हें 9 मई 2012 से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेशाधीन किया गया था। नाबार्ड द्वारा 31 मार्च 2012 को इनकी स्थिति के संबंध में किए गए निरीक्षण से इसकी वित्तीय स्थिति में गिरावट का पता चला। जमाराशियां कम हो रही थी क्योंकि इनकी चुकता पूंजी का प्राप्य मूल्य और आरक्षित निधियां ऋणात्मक थी। बैंकों की अस्थिर वित्तीय स्थिति की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ने 7 मार्च 2013 को इन बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया जिसमें पूछा गया कि वे कारण बताएं कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए उनके लाइसेंस आवेदन क्यों अस्वीकृत नहीं किए जाएं। इसके अतिरिक्त नाबार्ड द्वारा बैंकों की 31 मार्च 2013 की वित्तीय स्थिति के संबंध में की गई विशेष संवीक्षा में बैंकों की वित्तीय स्थिति में किसी महत्वपूर्ण सुधार का पता नहीं चला। नाबार्ड ने प्रमाणित किया था कि बैंकों ने न्यूनतम लाइसेंसिंग मानदंडों को प्राप्त नहीं किया। इसलिए बैंकों को 7 फरवरी 2014 को नया नोटिस दिया गया जिसमें पूछा गया कि वे कारण बताएं कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए उनके लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत क्यों नहीं किए जाएं। बैंकों द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। चूंकि बैंकों के पास पुनरुत्थान की कोई व्यवहार्य कार्य योजना नहीं थी और इनके पुनरुत्थान की संभावना बहुत कम थी, भारतीय रिज़र्व बैंक को जमाकर्ताओं के हित में बैंकों के लाइसेंस आवेदन अस्वीकृत करने पड़े हैं। समापन कार्यवाही शुरू होने के बाद बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, डीआईसीजीसी अधिनियम के अनुसार बीमाकृत राशि ₹ 1.00 लाख तक है। 15 मई 2014 को बैंको को दिए गए 9 मई 2014 के स्थायी आदेश के अनुसार लाइसेंस आवदेन अस्वीकृत करने के परिणामस्वरूप बुलढ़ाना, नागपुर और वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(बी) में यथापरिभाषित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध है, इसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उनका भुगतान करना शामिल है। स्पष्टीकरण के लिए बैंक के जमाकर्ता श्री डी.बी.वी. राजू, सहायक महाप्रबंधक, आरपीसीडी, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर क्षेत्रीय कार्यालय, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्योरा निम्नानुसार है: डाक पता: ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 15, मुख्य कार्यालय भवन, डॉ. राघवेन्द्र राव मार्ग, सिविल लाइन्स, नागपुर-440001; टेलीफोन नं. (0712) 2521443, फैक्स नं. (0712) 2536828 । संगीता दास प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2233 |