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रिज़र्व बैंक ने वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, कर्नाटक का लाइसेंस आवेदन अस्वीकार किया

24 अप्रैल 2007

रिज़र्व बैंक ने वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी,
कर्नाटक का लाइसेंस आवेदन अस्वीकार किया

वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, कर्नाटक की वित्तीय स्थिती में कोई सुधार न होने पर और बैंक का कार्य जमाकर्ता के हितों को क्षति पहुंचाने के रूप में किये जाने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाइसेन्स जारी करने हेतु 31 मार्च 1998 का आवेदन अस्वीकार करने का आदेश जारी किया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 18 अप्रैल 2007 को वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, कर्नाटक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ पठीत अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत भारत में बैंकिंग कारोबार करने हेतु लाइसेन्स जारी करने का 31 मार्च 1998 का आवेदन अस्वीकार करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के कमीशनर, कर्नाटक राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

बैंक को पुनरुज्जीवित किए जाने के सभी विकल्पों की जाँच करने के बाद और जमाकर्ताओं की हितों की रक्षा के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतिम उपाय के रूप में वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, कर्नाटक का आवेदन अस्वीकार करने का निर्णय लिया। 31 मार्च 2006 की स्थिति के संदर्भ में बैंक निरीक्षण से यह पता चला कि इसकी वित्तीय स्थिति में अनिश्चितता है। बैंक की अनिश्चित स्थिती को देखते हुए और जमाकर्ताओं के हित में 1 नवबंर 2006 के आदेश द्वारा बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश जारी किये गये। बैंक को 8 नवबंर 2006 को कारण बताओ नोटीस जारी किया जिसमें यह कहा गया की बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए दिया गया लाइसेन्स क्यों न रद किया जाय और क्यो न उसके समापन के कदम उठाए जाएं। चूंकि बैंक को जारी कि या गया कारण बताओ नोटीस के लिए अनुस्मारक भेजने के बावजूद बैंक से कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ जिससे यह मान लिया गया कि बैंक के पास इस संबंध में बताने के लिए कुछ भी नही है। चूंकि बैंक के पास इसे पुनरुज्जीवित करने के लिए कोई कार्य योजना नहीं थी और इसे पुनरुज्जीवित किए जाने की कोई आशा नहीं थी, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेन्स रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स के लिए आवेदन अस्वीकार किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, कर्नाटक के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स आवेदन रद्द किये जाने के अनुसरण में वरदा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराजगी, हवेरी, (कर्नाटक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित ’बैंकिंग कारोबार’ करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती गोपालन जयश्री, सहायक महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर क्षेत्रीय कार्यालय, 10/3/8, नृपतुंगा रोड, बंगलूर -560001. टेलीफोन नंबर : (080) 22248465; फैक्स नंबर : (080) 22293668/22210185.

अजीत प्रसाद
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1459

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