बैंकिंग सेवाओं के प्रसार की सुविधा के लिए उपग्रह संयोजन - बैंकों को वित्तीय प्रोत्साहन की आवश्यकता : चर्चा पेपर - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग सेवाओं के प्रसार की सुविधा के लिए उपग्रह संयोजन - बैंकों को वित्तीय प्रोत्साहन की आवश्यकता : चर्चा पेपर
12 जून 2008
बैंकिंग सेवाओं के प्रसार की सुविधा के लिए उपग्रह संयोजन -
बैंकों को वित्तीय प्रोत्साहन की आवश्यकता : चर्चा पेपर
भुगतानों के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप को सुविधा प्रदान करने के लिए भरोसेमंद संचार नेटवर्क की उपलब्धता एक महत्त्वपूर्ण पूर्वापेक्षा है। प्रो. यू.आर.राव, सदस्य, भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस), भारतीय रिज़र्व बैंक ने उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जिन्हें विश्वसनीय संचार सहबद्धता की अनुपलब्धता के कारण इन सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है, भुगतान सेवाओं के प्रसार को सुविधा प्रदान करने हेतु उपग्रह संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग पर एक पेपर तैयार किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित एक तकनीकी कार्यदल ने प्रो. राव द्वारा दिए गए प्रस्तावों की जाँच की और यह अनुशंसित किया है कि उपग्रह संयोजन का उपयोग ग्रामीण शाखाओं का अपने कोर बैंकिंग समाधान के साथ समेकन को सुविधा प्रदान करेगा तथा उनके ग्राहकों को निधि अंतरण सुविधा उपलब्ध कराने में सहायता करेगा। इस कार्यदल की अनुशंसाओं की पुन: जाँच की गई और यह महसूस किया गया कि स्वयं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पट्टाकृत किराए के एक भाग का भुगतान करने के माध्यम से बैंकों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है यदि बैंक उत्तर-पूर्वी राज्यों तथा देश के शेष भागों में कम बैंक सुविधावाले जिलों से अपनी शाखाओं को जोड़ते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता के अभिमत के लिए इस योजना पर एक चर्चा पेपर को आज अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। अभिमत 30 जून 2008 तक मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 14वीं मंज़िल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को भेजे जा सकते हैं अथवा इ-मेल किए जा सकते हैं अथवा 022-22659566 पर फैक्स किए जा कते हैं।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1587