बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – अप्रैल 2013 - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – अप्रैल 2013
31 मई 2013 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – अप्रैल 2013 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से मासिक आधार पर संग्रह किए गए अप्रैल 2013 के महीने के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले ऋण के क्षेत्रवार नियोजन पर आंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं : वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में अप्रैल 2012 के 16.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2013 में 13.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कृषि के लिए ऋण में अप्रैल 2012 में 14.1 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2013 में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उद्योग के लिए ऋण में अप्रैल 2012 में 19.9 प्रतिशत की वृद्धि तुलना में अप्रैल 2013 में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उद्योग के लिए ऋण वृद्धि में गिरावट खाद्य प्रसंस्करण, लकडी और लकडी उत्पादों, सीमेंट और सीमेंट उत्पादों, रसायन और रसायन उत्पादों, बुनियादी सुविधा, कागज और कागज उत्पादों, काँच और काँच से बने सामानों, कपड़ा तथा चमड़ा और चमड़ा उत्पादों को छोड़कर सभी मुख्य उप-क्षेत्रों में देखी गई। सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में अप्रैल 2012 में 15.0 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2013 को 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए ऋण में वृद्धि अप्रैल 2012 में 34.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2013 में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वैयक्तिक ऋण में अप्रैल 2012 में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2013 में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/2008 |