30 अगस्त, 2011 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – जुलाई 2011 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों से मासिक आधार पर संग्रहित ऋण के क्षेत्रवार नियोजन संबंधी आंकड़ें, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जुलाई, 2011 के माह के लिए नियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत है, विवरण I और II में दिए गए हैं। ये आंकड़ें भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल समय पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in) में भी उपलब्ध है आंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे दी गई हैं :
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वर्ष दर वर्ष आधार पर, खाद्येतर सकल बैंक ऋण में जुलाई, 2011 में 18.9 प्रतिशत तक वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष में 20.0 प्रतिशत थी।
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वर्ष दर वर्ष आधार पर, कृषि के लिए उधार जुलाई, 2011 में 11.8 प्रतिशत तक वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष में 19.9 प्रतिशत से कम रही ।
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उद्योग में उधार पिछले वर्ष में 27.7 प्रतिशत की तुलना में जुलाई, 2011 में 21.2 प्रतिशत तक (वर्ष दर वर्ष) बढ़ गया, जिसमें मूलभूत सुविधाएं, धातु और धातु उत्पाद, अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण, खनन और उत्खनन तथा रबड़, प्लास्टिक और उनके उत्पाद शामिल थे।
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सेवा क्षेत्र में उधार में जुलाई, 2011 में 21.3 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष में 17.4 प्रतिशत थी।
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गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों में उधार वृद्धि जुलाई 2011 में वर्ष दर वर्ष आधार पर 55.6 प्रतिशत थी जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 10.9 प्रतिशत से काफी अधिक रही।
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वाणिज्यिक रियल एस्टेट (सीआरई) क्षेत्र में उधार में जुलाई, 2011 में 17.1 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष के दौरान 2.4 प्रतिशत थी।
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वैयक्तिक ऋणों में जुलाई, 2011 में 15.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 8.0 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक थी। वैयक्तिक ऋणों के अधिकांश घटक जैसे आवास, स्थाई जमाओं पर लिए गए अग्रिम, और वाहन ऋणों ने त्वरित वृद्धि दर्ज की।
अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/334 |