श्री एन.के. सिंह, पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने "राजकोषीय संघवाद: विचारधारा और व्यवहार" शीर्षक से सत्रहवां एल.के. झा स्मृति व्याख्यान प्रस्तुत किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
श्री एन.के. सिंह, पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने "राजकोषीय संघवाद: विचारधारा और व्यवहार" शीर्षक से सत्रहवां एल.के. झा स्मृति व्याख्यान प्रस्तुत किया
22 नवंबर 2019 श्री एन.के. सिंह, पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने "राजकोषीय संघवाद: विचारधारा और व्यवहार" भारतीय रिजर्व बैंक ने 22 नवंबर, 2019 को मुंबई में सत्रहवें एल.के. झा स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया। श्री एन.के. सिंह, पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने अपने उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज के दिन श्री लक्ष्मी कांत झा की 106वीं जयंती है जो 1967-1970 के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे। गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने भारतीय रिज़र्व बैंक और राष्ट्र के प्रति श्री झा की सेवाओं की पहचान के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू की गई व्याख्यान श्रृंखला के महत्व पर बल दिया। आज के व्याख्यान में, श्री एन.के. सिंह ने "राजकोषीय संघवाद: विचारधारा और व्यवहार" के विषय पर बात करते हुए केंद्र-राज्य संबंधों और भारत के गतिशील संघीय राजनीति के बदलते परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह बताते हुए कि आज भारत में राज्यों की स्वायत्तता पूर्व-वैश्वीकृत युग की तुलना में बहुत भिन्न है, भारत में राजकोषीय संघवाद की मूल संरचना को रेखांकित किया। उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं और परिव्यय के युक्तिकरण के लिए एक विश्वसनीय नीति रखते हुए राज्यों और केंद्र के बीच संवाद को प्रोत्साहित और सुविधाजनक बनाते हुए और केंद्र और राज्य स्तर पर राजकोषीय प्रबंधन बनाए रखते हुए वित्त आयोग और जीएसटी परिषद के कामकाज में समरूपता स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री सिंह ने अपने भाषण के समापन में राजकोषीय संघवाद की विचारधारा और व्यवहार पर एक नए संदर्भ को अपनाने की आवश्यकता की सिफ़ारिश की जो कि उच्च आर्थिक विकास और भारत के नागरिकों की भलाई के लिए केंद्र-राज्य राजकोषीय साझेदारी बनाने के उद्देश्य से समकालीन और लक्षित है। "राजकोषीय संघवाद: विचारधारा और व्यवहार" शीर्षक के व्याख्यान का सम्पूर्ण पाठ www.rbi.org.in पर रखा गया है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1251 |