भारत में विदेशी मुद्रा में अभिवृद्धि के स्रोत : वर्ष 2005-06 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी मुद्रा में अभिवृद्धि के स्रोत : वर्ष 2005-06
30 जून 2006
भारत में विदेशी मुद्रा में अभिवृद्धि के स्रोत : वर्ष 2005-06
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग द्वारा अप्रैल-नवम्बर 2002 दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत पर किए गए अध्ययन के निष्कर्षों के बारे में 31 जनवरी 2003 को प्रेस-विज्ञप्ति जारी की थी। इसके पश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से विदेशी मुद्रा में अभिवृद्धि के स्रोत पर प्रेस-विज्ञप्ति के माध्यम से आंकड़ों को अद्यतन बनाता/जानकारी देता रहा है जो भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध हैं।
वर्ष 2005-06 की अवधि से संबंधित भुगतान संतुलन के आंकड़े अब उपलब्ध हैं। ये आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 30 जून 2006 को डाल दिए गए हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत - वर्ष 2005-06
अप्रैल-मार्च 2005-06 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के प्रमुख घटक इस प्रकार हैं :
सारणी-1 : विदेशी मुद्रा भंडार मे अभिवृद्धि के स्रोत
(बिलियन अमरीकी डालर)
मद | अप्रैल-मार्च 2005-06 | अप्रैल-मार्च 2004-05 | ||
I. | चालू खाता शेष | -10.6 | -5.4 | |
II. | पूंजीखाता(निवल)(क से च) | 25.7 | 31.6 | |
क. | विदेशी निवेश | 18.2 | 12.2 | |
ख. | बैंकिंग पूंजी | 1.4 | 3.9 | |
जिसमें से:अनिवासी भारतीयों की जमाराशियां | 2.8 | -1.0 | ||
ग. | अल्पावधि ऋण | 1.7 | 3.8 | |
घ. | बाह्य सहायता | 1.4 | 1.9 | |
ङ. | बाह्य वाणिज्यिक उधार | 1.6 | 5.0 | |
च. | पूंजी खाते की अन्य मदें | 1.4 | 4.8 | |
III. | मूल्यांकन परिवर्तन | -5.0 | 2.4 | |
जोड़ (घ्+घ्घ्+घ्घ्घ्) | 10.1 | 28.6 |
वर्ष 2005-06 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के प्रमुख स्रोत विदेशी निवेश, अल्पावधि ऋण और बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) रहे हैं। वर्ष 2005-06 के दौरान भुगतान संतुलन आधार पर (मूल्यन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि 15.1 बिलि.अम.डॉलर थी। वर्ष 2004-05 के दौरान 2.4 बिलि.अम.डॉलर के मूल्यन लाभ की तुलना में वर्ष 2005-06 के दौरान कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 5.0 बिलि.अम.डॉलर की गिरावट आई जो अमरीकी डॉलर के मुकाबले प्रमुख मुद्राओं में आई गिरावट के कारण हुए मूल्यह्रास को दर्शाता है। 5.0 बिलि.अम.डॉलर की मूल्यन क्षति को हिसाब में लेने के कारण विदेशी मुद्रा का भंडार वर्ष 2005-06 के दौरान 10.1 बिलि.अम.डॉलर बढ़ गया (अप्रैल-दिसंबर 2004-05 के दौरान 28.6 बिलि.अम.डॉलर की वृद्धि हुई)।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/1709