भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2007 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2007
31 मार्च 2008
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2007
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग द्वारा विदेशी मुद्रा के भण्डार में अभिवृद्धि के स्रोत के बारे में अप्रैल-नवंबर 2002 के दौरान किए गए अध्ययन के निष्कर्ष संबंधी प्रेस टिप्पणी 31 जनवरी 2003 को जारी की थी। इसके पश्चात्, भारतीय रिज़र्व बैंक ‘विदेशी मुद्रा के भण्डार में अभिवृद्धि के स्रोत’ के बारे में नियमित रूप से प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से अद्यतन जानकारी जारी करता रहता है। वह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
अब अप्रैल-दिसंबर 2007 की अवधि के भुगतान संतुलन के आँकड़े उपलब्ध हैं। ये आँकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 31 मार्च 2008 को जारी किए गए है। इन आँकड़ों के आधार पर, विदेशी मुद्रा भण्डार में अभिवृद्धि के स्रोतों का संकलन किया गया है।
विदेशी मुद्रा के भण्डार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2007
अप्रैल-दिसंबर 2007 के दौरान विदेशी मुद्रा भण्डार में अभिवृद्धि के प्रमुख घटकों को निम्नलिखित सारणी में दर्शाया गया है :
सारणी : विदेशी मुद्रा के भण्डार में अभिवृद्धि के स्रोत
(बिलियन अमरीकी डॉलर)
मदें | अप्रैल-दिसंबर 2007 | अप्रैल-दिसंबर 2006 | |||||
I. | चालू खाता शेष | -16.0 | -14.0 | ||||
II. | पूंजी खाता (निवल) क से च तक) | 83.2 | 30.2 | ||||
क. | विदेशी निवेश (i + ii) | 41.4 | 12.8 | ||||
(i) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 8.4 | 7.6 | |||||
(ii) संविभाग निवेश | 33.0 | 5.2 | |||||
ख. | बैंकिंग पूँजी | 5.8 | 0.2 | ||||
जिसमें से : अनिवासी भारतीयों के जमा | -0.9 | 3.7 | |||||
ग. | अल्पावधि ऋण | 10.8 | 5.7 | ||||
घ. | विदेशी सहायता | 1.3 | 1.0 | ||||
V | बाह्य वाणिज्यिक उधार | 16.3 | 9.8 | ||||
च. | पूँजी खाते की अन्य मदें* | 7.6 | 0.7 | ||||
III. | मूल्यांकन प्रभार | 8.9 | 9.4 | ||||
कुल (I+II+III) | 76.1 | 25.6 | |||||
* ‘अन्यू पूँजी’ में भूल-चूकों के अलावा, अग्रिम और विलंबित निर्यात, विदेश में रखी गई निधियाँ, एफडीआई के अंतर्गत शेयरों के निर्गम के विचाराधीन प्राप्त अग्रिम और अन्यत्र शामिल न की गई पूँजी प्राप्तियों के लेनदेन शामिल हैं। इन पूँजी प्राप्तियों के लेनदेनों में मुख्य रूप से वित्तीय डेरिवेटिव और हेजिंग (मार्जिन भुगतान और निपटान) से संबंधित सीमापार के लेनदेन, प्रवासी अंतरण और अन्यू पूँजी अंतरण (विदेश में प्रवासी भारतीयों, निवेश अनुदानों, मुआवजे के भुगतानों द्वारा पूँजी आस्तियों के अंतरण गारंटियों की वसूली आदि शामिल हैं। |
अप्रैल-दिसंबर 2007 के दौरान विदेशी मुद्रा भण्डार में अभिवृद्धि के मुख्य स्रोत संविभाग निवेश, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) और अल्पकालिक ऋण रहे हैं। अप्रैल-दिसंबर 2007 के दौरान भुगतान संतुलन आधार पर (मूल्यन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भण्डार में अभिवृद्धि 67.2 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। अप्रैल-दिसंबर 2007 के दौरान मूल्यन लाभ, जो अमरीकी डॉलर के मुकाबले प्रमुख मुद्राओं की मूल्यवृद्धि को प्रतिबिंबित करता है, का कुल भण्डरों में हिस्सा 8.9 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि में मूल्यन की राशि 9.4 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। विदेशी मुद्रा भण्डार में अप्रैल-दिसंबर 2007 के दौरान मूल्यन प्रभाव सहित 76.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई जबकि अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान 25.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई थी।
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1269