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भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-जून 2006

29 सितंबर 2006

भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-जून 2006

पृष्ठभूमि

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग द्वारा अप्रैल-नवम्बर 2002 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत पर किए गए अध्ययन के निष्कर्षों के बारे में 31 जनवरी 2003 को प्रेस-विज्ञप्ति जारी की थी। इसके पश्चात, भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत’ पर प्रेस-विज्ञप्ति के माध्यम से आंकड़ों को अद्यतन बनाता/जानकारी देता रहा है जो भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (/en/web/rbi) पर उपलब्ध हैं।

अप्रैल-जून 2006 की तिमाही की अवधि से संबंधित भुगतान संतुलन के आंकड़े अब उपलब्ध हैं। ये आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (/en/web/rbi) पर 29 सितंबर 2006 को डाल दिए गए हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत - अप्रैल-जून 2006

अप्रैल-जून 2006 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के प्रमुख घटक इस प्रकार हैं :

सारणी-1 : विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत

(बिलियन अमरीकी डालर)

मदें

अप्रैल-जून 2006

अप्रैल-जून 2005

I.

 

चालू खाता शेष

-6.1

-3.6

II.

 

पूंजीखाता(निवल)(क से च)

12.5

4.8

 

क.

विदेशी निवेश

1.2

2.2

 

ख.

बैंकिंग पूंजी

5.1

0.8

   

जिसमें से:अनिवासी भारतीयों की जमाराशियां

1.2

-0.1

 

ग.

अल्पावधि ऋण

0.4

-0.2

 

घ.

बाह्य सहायता

-

0.2

 

ङ.

बाह्य वाणिज्यिक उधार

3.6

1.1

 

च.

पूंजी खाते की अन्य मदें

2.2

0.7

III.

 

मूल्यांकन परिवर्तन

4.9

-4.3

   

जोड़ (I+II+III)

11.3

-3.1

-: नगण्य

2006-07 की पहली तिमाही के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के मुख्य स्रोत बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी), बैंकिंग पूंजी और विदेशी निवेश रहे हैं। अप्रैल-जून 2006 के दौरान भुगतान संतुलन आधार पर (मूल्यन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। 2006-07 की पहली तिमाही के दौरान मूल्यन लाभ के कारण कुल भंडारों में 4.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई जो अमरीकी डॉलर की तुलना में प्रमुख मुद्राओं के मूल्य वृद्धि को प्रतिबिंबित करती है, जबकि पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि के दौरान मूल्यन हानि 4.3 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। 4.9 बिलियन अमरीकी डॉलर के मूल्यन लाभ को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल-जून 2006-07 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडारों में 11.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृध्दि हुई (अप्रैल-जून 2005-06 के दौरान 3.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की कमी हुई)।

पी.वी. सदानंदन

प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/451

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